ए आर अंतुले की बयानबाजीं उन्हें किस देश का राजनितिज्ञ साबित कर रही ये तो उनके आज कल के बयान इसका जीता जागता सबूत दे ही रहें हैं। ऐसी पाकिस्तान परस्ती भी किस काम की जिसमें "उनके देश" के लोग भी उनका साथ नहीं दे रहे हैं । नवाज़ शरीफ़ ने दिलेरी तो ख़ूब दिखाई पर उनके देश में ही उनकी कोई ख़ास पूछ नहीं है। लेकिन जब नवाज़ साहब ने ये कह तो कह ही दिया की मुम्बई हमले में पाकिस्तान का हाथ है । तब भी भारत में 'मुशर्रफ'की तरह ही सोच रखने वाले यानि अल्पसंख्यक मामले के पूर्व केन्द्रीय मंत्री अंतुले शहीद ए टी एस प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत पर ही सवालिया निशान लगा रहे हैं । उन्होंने बेशर्मी की हद तो तब कर दी जब उन्होंने इस पर जाँच की मांग कर डाली। भला उन्हें कौन बताए कि सर क्यों आप अपने राजनीतिक कैरियर का "अंत" करने पर "तुले" हैं अंतुले साहब । जनता अब जाग रही है सर !!!!!!
जब बात दिल से लगा ली तब ही बन पाए गुरु
3 दिन पहले
1 टिप्पणियाँ:
प्रिय शशांक
आपने बहुत अच्छा लिखा है। ऐसे ही लिखते रहिए व समाज को जागृत करते रहिए।
ऐसे नेताओं के प्रति सर शब्द का सम्बोधन कुछ अटपटा सा लगा।
बी. एन शुक्ल
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