जो लिखता हूं सच लिखता हूं

गुरुवार, अक्टूबर 15, 2009

जो लिखता हूं सच लिखता हूं
सच के सिवा कुछ नहीं लिखता,

बढते हुए अपराधों पर,
जुल्म के शिकार अबोधों पर,
जाति पर, नवजातों पर
मै लिखता हूं...

जो लिखता हूं सच लिखता हूं
सच कि सिवा कुछ नहीं लिखता

देश के गद्दारों पर,
सफेदपोश मक्कारों पर,
चोरों पर नाकारों पर
मै लिखता. हूं

जो लिखता हूं सच लिखता हूं
सच के सिवा कुछ नहीं लिखता

शहर में होते बलात्कारों पर
शिकार हुई औरतों पर
मासूम बच्चियों के दर्द पर
मै लिखता हूं ..

जो लिखता हूं सच लिखता हूं
सच के सिवा कुछ नहीं लिखता

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