ठंड की रातों में जहां एक ओर सभी नींद में दुबके हुए रजाई के आगोश में सो रहे थे। वहीं दूसरी तरफ मेरी आंखों में रात में पैसे कमाने का सपना जाग रहा था। अरे मै ही क्यों लगता तो ऐसा था कि ज्यादातर लोग जो अमीर बनने की तरफ अग्रसर हो रहे होते है। वो भी जागते है
क्या आपने कभी रात 12 बजे के बाद जगने की कोशिश की है, रात को लगभग हर चैनल पर या तो बाबा लोग अपने कवच बेच रहे होते है या फिर कुछ चैनल, लोगों को पैसे लुटवा रहे है। जी हां, आपको यकीन न हो तो आप हर रात 12 से दो बजे के बीच में पैसे लूटने का काम कर सकते है। हां पर करना ये है कि आपको सिर्फ या तो एक नंबर पर मैसेज करना है या फिर एक नंबर पर कॉल करना होता है। आप चाहे इमेजिन, ज़ी, जैसे किसी भी चैनल को चला लें, अगर बाबा कवच नहीं बेच रहे होंगे तो एक ज्यादा और बेतुकी बातें करने वाला एंकर आपको आपकी किस्मत के सहारे पैसे जितवा रहा हैं।
अब इस कार्यक्रम में जीतते कितने लोग है ये आप इसको देखकर समझ सकते हैं। मजेदार बात ये है कि इसमें वो पज़ल जैसा गेम खिलवाते है आपको बस उन चेहरो को पहचान कर पैसे कमा सकते है। यहीं नहीं इनाम की रकम भी बढ़ती जाती है। इसमें कोई सवाल भी नहीं है जैसा कि अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति में था। बस आपको फोन करना है या मैसेज करना है किस्मत का खेल है किस्मत है तो जीत है
लेकिन क्या आपने ट्राइ किया है। यकीन मानिये लोग लगातार कॉल या मैसेज करते रहते है, ये मै नहीं कह रहा हूं ये तो उसका एंकर कहता रहता है। और वो ये भी कहता है कि आप कॉल और मैसेज कर नहीं रहे हैं। लोग लगातार फोन करत रहते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन चार हिस्सों के पज़ल में हीरो या हिरोइन को पहचानने की बात की जाती है उसको एक बच्चा भी पहचान सकता है। लेकिन जिन लोगों के फोन स्टूडियो में जोड़ें जाते है वो तस्वीरों को पहचान तक नहीं पाते है। पहली बात तो आपका फोन लगेगा ही नहीं। और वो इसलिये की जब आपको पता चलेगा कि इन नंबर पर कॉल करना पैसों पर काल जैसा है। इन नंबर्स पर कॉल करने की दरें है 10 से 12 रुपये प्रति मिनट।
जानकर हैरानी हो रही होगी। लेकिन इन नंबर्स पर आधे आधे घंटे लगातार होल्ड पर रहने के बाद भी आपको शायद ही स्टूडियों से जोड़ा जाये लेकिन आपके फोन के बिल.......हां हज़ारों में आ सकते है।
सवाल ये है कि इस कार्यक्रम को दिखाने का लाभ क्या है। और इन कार्यक्रम को रात में ही क्यों दिखाया जाता है। और मंदी के इस दौर में इन जैसे कार्यक्रमों को दिखाने के पीछे क्या मकसद हो सकता है। यही नहीं जहां एक ओर सभी फोन कंपनियां अपने कॉल रेट कम कर रहे है वहीं दूसरी ओर इन कार्यक्रमों में 10 से 12 रुपये प्रति मिनट कॉल दर होने का क्या मतलब है।
इन कार्यक्रमों से सीधा सा मतलब निकाल जा रहा है कि ऐसे कार्यक्रम सिर्फ और सिर्फ लोगों को सपने बेचकर उनको बेवकूफ बनाने का ज़रिया भर है। पता नहीं लेकिन हो सकता है कि इन कार्यक्रमों में लोग जीतते भी कि नहीं पर कब है और कितने ये सवाल बड़ा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को चाहिये कि इन कार्यक्रमों को दिखाने के पीछे क्या मकसद है और इसके ज़रिए कानूनी रुप से जुआ खिलाया क्यों जा रहा है। और इसको कानूनी जामा पहनाया जा रहा है चित्र पहचानने के सवाल को देकर।
मेरा इस पोस्ट को लिखने के पीछे यही मकसद था कि आपको ये जानकारी दी जाये कि इस तरह के कार्यक्रम में अपना लक न आज़माये। क्योंकि इसके ज़रिए सिर्फ आपको बेवकूफ बनाया जा रहा है। यही नहीं होल्ड पर रहने वाली मधुर आवाज के चक्कर में न पड़े ये सिर्फ कंप्यूटर में पहले से ही फीड लड़की की आवाज है जो आपको सिर्फ आपका बिल बढ़ाने के लिये आपका मनोरंजन करेगी। बस बाकी तो आप समझदार है।