घर में रखे बुद्धू बक्से पर भले ही 200 से ज्यादा चैनलों की बाढ़ हो और आप इसे एक से एक मनपसंद कार्यक्रम देखने की चाहत रखते हों, लेकिन सोचिये आपके पास रिमोट न होने से आपका सारा मज़ा किस तरह किरकिरा हो जाता है।इस बात से कम ही लोग वाकिफ होंगे कि जहां टेलीविजन 1930 के दशक में पहुंचा था, वहीं रिमोट कंट्रोल को अस्तित्व में आए 111 साल का एक लंबा समय बीत चुका है। सिर्फ टीवी, स्टीरियो सिस्टम या डीवीडी प्लेयर्स ही नहीं अब तो कंप्यूटर भी रिमोट कंट्रोल से चलने लगे हैं और लैपटाप के कुछ नए संस्करण रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। रिमोट कंट्रोल का आविष्कार 1898 में निकोला टेसला ने किया था और उस वक्त इसका नाम 'मेथड आफ एन एपरेटस फार कंट्रोलिंग मकेनिज्म आफ मूविंग व्हीकल' दिया गया था। 1930 के दशक में कई रेडियो निर्माताओं ने अपने ऊंची कीमतों वाले माडल्स के लिए रिमोट कंट्रोल की पेशकश की, जिनमें अधिकांश तार के माध्यम से रेडियो सेट से जुड़े होते थे। टेलीविजन में रिमोट का प्रयोग पहली बार जेनिथ रेडियो कारपोरेशन ने 1950 में किया। यह टीवी से एक तार से जुड़ा होता था। वायरलेस रिमोट कंट्रोल का आविष्कार 1955 में हुआ। रिमोट कंट्रोल न सिर्फ टीवी, डीवीडी, कंप्यूटर बल्कि विमान उड़ाने में भी इस्तेमाल हो रहा है। पाकिस्तान के अशांत पश्चिमोत्तर प्रांत में आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका रिमोट संचालित मानव रहित विमानों का खूब इस्तेमाल कर रहा है। अब तो बिजली की क्षति रोकने और खपत पर भी रिमोट से नजर रखने की प्रणाली शुरू हो रही है। दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम एडवांस मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रणाली शुरू कर रहा है, जिसमें एडवांस मीटर सिस्टम होगा और यह रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित होगा। तो आप के ज्ञान को बढ़ाने के लिये ये ऐसी जानकारी मै आपको दे रहा हूं जिसके बारे में आपने शायद ही कभी सोचा होगा क्यों सही कहा न....(नोट-ये जानकारी भी मुझे कहीं से प्राप्त हुई है)
जब बात दिल से लगा ली तब ही बन पाए गुरु
3 दिन पहले