आखिर पाकिस्तान में हंगामा क्यों है बरपा

सोमवार, अप्रैल 27, 2009

मैने एक दिन अख़बार खोला उसमे पहले ही पेज पर एक ख़बर थी कि तालिबान ने पाकिस्तान के कुछ इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया...मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ कि पाकिस्तान किस तरह अपने ही भष्मासुर से ख़तरे में पड़ गया है.....पर एक बात मेरे दिमाग मे खटकती है कि आखिर पाकिस्तान तालिबान से समझौता कैसे कर सकता है....यहां एक बात तो गौर करने लायक है कि जब पाकिस्तान को पहले से पता था कि तालिबान उसके शहरों पर कब्ज़ा करते हुऐ आगे बढ़ रहा है तो वो क्यों उन पर ध्यान न देकर भारत की तरफ आखें तरेर रहा है..इस घटना से एक बात तो साफ है कि या तो पाकिस्तान दुनिया की नज़रों से तालिबान का ध्यान हटवाने की कोशिश कर रहा है.....पर सवाल उठता है क्यो....जहां तक मुझे समझ में आ रहा है कि वो ये है कि पाकिस्तान पहले से ही ये चाहता रहा है भारत से अपनी दुश्मनी निकालनी है तो अगर उसने तालिबान का साथ दिया तो तालिबान भारत के खिलाफ़ उसकी मदद करेगा...और इस बात को साफ करते हैं पाकिस्तान के वो कदम जिनके होने से ये शक़ पुख्ता भी होता है...पाकिस्तान जब तालिबान के खिलाफ बाहरी मुल्कों से पैसे की मांग कर रहा है..तो दूसरी तरफ़ तालिबान के कब्ज़े वाले इलाकों में सैन्य कार्रवाई करने के बजाय वो तालिबान के शरीयत कानून को लागू करने की छूट दे दी...जिससे हुआ ये कि वहां के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई और तालिबान को ये भी समझ आ गया या कहें कि समझाया गया कि पाकिस्तान तालिबान के साथ है न कि उसके खिलाफ....इसीलिए इसके चलते तालिबान पहले से ही भारत पर हमले की बातें कर रहा हैं....आखिर अभी तक तालिबान क्यों सिर्फ अमेरिका को ही अपना दुश्मन समझता था और अब है कि वो भारत के खिलाफ भी आतंकी कार्रवाई की घुड़की दे रहा है....इसके पीछ सारी चालें चल रहा है पाकिस्तान क्यों एक तरफ तो वो तालिबान से लड़ने औऱ आतंक के खिलाफ अपनी झूठी कार्रवाई की दुहाई देकर दूसरे देशों से मदद मांग रहा है...मदद मांगने के पीछे वजह ये भी है कि दूसरे देशों के सामने अपने यहां हो रही आतंकवादी घटनाओं के पीछे भारत की बात करके अपने लोगों को अंधेरे में रख सके, और बाहरी देशों का ध्यान तालिबान से दूर रख सके, वहीं बाहरी देशों को ये भी लगेगा कि पाकिस्तान सच में आतंकवादियों से पीड़ित है....जबकि ये सिर्फ और सिर्फ ढोंग है और कुछ भी नहीं......

Related Posts with Thumbnails