मै आपकी परेशानी समझता हूं!!!!!

शुक्रवार, जुलाई 03, 2009

उस वक्त मैं बहुत ज़ोर से हंसता हूं
जब कहता है कोई कि मै
आपकी परेशानी समझता हूं


कुटिल दिखती है तब हर कथनी
जब कहता कोई कि
बॉस से मांग लेना थोड़ी मनी

क्या महसूस कर सकेगा वो शर्म ?
जो अनुज( छोटा भाई) से पैसे मांगने पड़े

क्या महसूस कर सकेगा वो हताशा ?
कि बीच सड़क खड़ा बगैर पैसे के
घर जाने की आस लगाये
क्या कोई छोड़ेगा मुझे ?
बिना रुपये की प्यास दिखाये

क्या बन सकेगा बेशर्म जो
मकान मालिक की गालियां सुन जाये
क्या दबा देगा
मन के उस चोर को ?
जो भूखे पेट किसी की थाल पर
नज़र पड़े.. तो नफरत से
मुंह फेरने के हिम्मत दिखाये

पेट भरा हो तो निकलती हैं
सब्र रखने की सौ बातें,
जीने के संघर्ष में ही यहां
निकल जाती है सारी रातें

आस है बेहतर जीवन की
सपने हैं कि माया मिलेगी, लेकिन
न माया मिले न राम
यहां नहीं मिल सका सुकून के
दो पलों का आराम

खुशी में तो हर कोई खुश होता है, लेकिन
क्या ऐसे वक्त को समझेगा कोई ?
क्या उस वक्त कहेगा कोई ?
कि, मै आपकी परेशानी
समझता हूं। 

Related Posts with Thumbnails