बसों से सफ़र करते रहो तो जीवन के कई अनोखे और मज़ेदार अनुभव होते है। मै अपने घर से बस में सफर करता हुआ मुज़फ्फरनगर शहर की तरफ जा रहा था। रास्ते में जानसठ कस्बे में जो की एक तहसील भी है वहां पर लगे एक होर्डिंग को देखकर खुद को हंसे बिना नहीं रोक सका। असल में वो स्वच्छता अभियान के तहत लगाया गया होर्डिंग था जो कि लोगों को जागरुक कर रहा था। लेकिन उस होर्डिंग पर जिस तरह के चित्र और वाक्य लिखे थे उसे देखकर स्वत ही हंसी आ गयी। आसपास के लोगों को स्वच्छता अभियान में भागीदारी देने के लिये घर में ही शौचालय बनाने का संदेश था जो इस प्रकार था कि मुझे हंसी आ गई।
इस होर्डिंग में एक अच्छा संदेश लिखा था जिसका मकसद समाज के दिलो दिमाग तक पहुंचना था। और साथ ही लोगों में एक डर बैठाकर सही रास्ता चुनने की सलाह थी जो मुझको बहुत अच्छी लगी।
1 टिप्पणियाँ:
लगभग ढाई माह पहले आपकी लिखी पोस्ट की याद दिला रहा हूं जिसमें आपने मुझसे वादा किया था मेरे ब्लॉग के उन सौ लोगों के बारे में लिखने का। तबसे में इंतजार कर रहा हूं आपके जवाब का। आपकी पोस्ट का कुछ हिस्सा नीचे है सिर्फ याद दिलाने के लिए।
----भाई साहब ने तो मुझे ऑफऱ किया है कि उनके ब्लाग पर जाकर देखुं कि कौन है वो सौ लोग.....मै इस मुद्दे पर आगे लिखता रहुंगा हर बार जिन लोगों की कहानी मै पढ़ता रहुंगा।
एक टिप्पणी भेजें