वरुण गांधी पर मामले दर्ज हो रहे हैं। जितना उन पर मामले दर्ज होगें वो उतने ही हीरो बनते जाएगें। उनके सरेंडर करने के पीछे के जितने नाटक हो सकते थे उतने हो गये...लोगों ने हल्ला कटवाना था कटवा लिया॥कांग्रेस को डराना था डरा दिया। वरुण के समर्थक यानी उनके लोग या उनकी भाषा में कहें कि 'मेरे लोग' । जितना बबाल काट सकते थे उन्होने काटा...लेकिन वरुण की इस नाटकीय गिरफ्तारी से जितनी पब्लीसिटी मिल गई उसे भारतीय जनता पार्टी ज़रुर भुनाना चाहेगी और मै तो कहुंगा कि भुना लिया है॥तभी तो कई भाजपा नेता अब तो खुलकर वरुण के समर्थन में सामने आ गयी है...लेकिन वरुण के मेरे लोगों ने ही जितना हल्ला काटा है जितना बबाल किया है उसे किस श्रेणी में रखेंगे ये कहना मुश्किल है..
मेरे बारे में
- शशांक शुक्ला
- नोएडा, उत्तर प्रदेश, India
- मन में कुछ बातें है जो रह रह कर हिलोरें मारती है ...
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वरुण गांधी के 'मेरे लोग'
सोमवार, मार्च 30, 2009प्रस्तुतकर्ता शशांक शुक्ला पर 12:38 pm 0 टिप्पणियाँ
लेबल: राजनीति
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