बादल फटना- प्राकृतिक आपदा या कुछ और....

रविवार, जून 23, 2013

उत्तराखंड में बादल फटने से आई आपदा  ने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि हर साल बादल फटने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। क्या ये सिर्फ प्रकृति का बदला हुआ रूप है।  या मानवीय शातिर चालों का नतीजा। इस शक से के बाद  कुछ आंकड़ें इकट्ठा किए गए, जिसके ज़रिए हम ये समझने की कोशिश करेंगे, कि पिछले कुछ सालों में बादल फटने की कितनी घटनाएं हुई हैं....नज़र डालिए

July, 1970 — Cloudburst in the upper catchment area led to a 15 metre rise in the Alaknanda river in Uttarakhand. Entire river basin, from Hanumanchatti near the pilgrimage town of Badrinath to Haridwar was affected. An entire village was swept away.

2. August 15, 1997, 115 people were killed when a cloud burst came bustling and trail of death are all that is left behind in Chirgaon in Shimla district, Himachal Pradesh

3.August 17, 1998 — A massive landslide following heavy rain and a cloudburst at Malpa village killed 250 people including 60 Kailash Mansarovar pilgrims in Kali valley of theKumaon division, Uttarakhand. Among the dead was Odissi dancer Protima Bedi.

4. July 16, 2003, About 40 persons were killed in flash floods caused by a cloudburst at Shilagarh in Gursa area of Kullu, Himachal Pradesh.

5.July 6, 2004, At least 17 people were killed and 28 injured when three vehicles were swept into the Alaknanda river by heavy landslides triggered by a cloudburst that left nearly 5,000 pilgrims stranded near Badrinath shrine area in Chamoli district, Uttarakhand

6.26 July 2005, A cloudburst caused approximately 950 millimetres  (37 in) of rainfall in Mumbai.over a span of eight to ten hours; the deluge completely paralysed India's largest city and financial centre leaving over 5000 dead.

7.August 16, 2007, 52 people were confirmed dead when a severe cloud burst occurred in Bhavi village in Ghanvi, Himachal Pradesh.

लेकिन अब यहां से हम देखेंगे कि पिछले कुछ सालों से हर साल बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं,और ऐसा नहीं है कि मौसम के बदलाव की वजह से ये सब हो रहा है,यहां एक बात सोचने वाली है कि बादल फटने की घटनाएं जिन इलाकों में हो रही है उनमें से ज्यादातर इलाके चीन की सीमा से लगे हैं। 
साथ ही एक बात हैरान करने वाली है

8.August 6, 2010- Leh, a series of cloudbursts left over 1000 persons dead and over 400 injured in the frontier Leh town of Ladakh region in Jammu andKashmir.

साल 2010 में लेह में हुई बादल फटने की घटना से जिसने कई मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया था। क्योंकि लेह में ज्यादा बारिश नहीं होती है। साल 1933 में जब लगातार 24 घंटे बारिश हुई थी जिसमें ज्यादा बारिश दर्ज नहीं की गई थी।लेकिन इस बार सोच से कहीं बारिश हुई। इसके लिए एक रिपोर्ट भी लगा रहा हूं



इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आंखे खुलेंगी और इस एंगल से  हम सोचने पर मजबूर होंगे कि बादल फटने की घटनाएं प्राकृतिक नहीं लगती हैं। सवाल यहां ये है कि लेह जैसे इलाके में इतनी ज्यादा बारिश कैसे हो सकती है....
9.August 7, 2009, 38 people were killed in a landslide resulting from a cloudburst in Nachni area near Munsiyari in Pithoragarh district of Uttarakhand.


अब यहां से हम देंखेंगे कि हर साल बादल फटने की घटनाएं हो रही है लेह की घटना के बाद से। यहां हम ये न भूलें कि ये सभी इलाके चीन के बार्डर के आसपास हैं.

10.September 15, 2010 cloud burst in Almora in Uttrakhand has drowned away two villages one of them being Balta, leaving a few people alive and rest entire village dead and drowned. Almora has been declared as a town suffering from the brunt of cloudburst by authorities of Uttrakhand. Had there been a bit more swaying of clouds, town of Ranikhet must have drowned also.


महाराष्ट्र के पुणे में हुई बादल फटने की घटना ने मुझे भी सोचने पर मजबूर किया, अगर मान भी लें कि चीन के बार्डर से लगे हुई भारतीय सीमाओं पर वेदर बम का इस्तेमाल किया भी जा रहा है तो पुणे में ये कैसे मुमकिन है। इसके लिए एक थ्योरी जो समझ में आती है वो ये कि भारत भी 'Weather Bomb' बनाने की कोशिश कर रहा है।  इस पर शक करने का आधार तब समझ में आता है जब पुणे के उस इलाके की जानकारी से हम रु ब रू होते है जिसे 'पषाण' कहा जाता है....इसके जियोग्राफिकल और जगह के महत्व को देखने के बाद हमें कुछ संकेत मिलेंगे  आप इसके लिए गूगल मैप का इस्तेमाल कर सकते है। लेकिन मै बता दूं कि पषाण लेक से 8 किमी की दूरी पर नेशनल डिफेंस एकेडमी है। पहले नेशनल डिफेंस एकडमी खड़कवस्ला के  पास बादल फटने की घटना होती है। उसके बाद अगले महीने अक्टूबर चार को पाषण में बादल फटता है लेकिन इस घटना में एक युवा वैज्ञानिक बादल फटने की जानकारी पहले से ही लोगों तक पहुंचा देता है। इस बात ने मुझे काफी हैरान किया।

11.September 29, 2010, a cloudburst in NDA (National Defence Academy), Khadakwasla, Pune, in Maharashtra state left many injured, hundreds of vehicles and buildings damaged due to this flash flood.

12.October 4, 2010, a cloudburst in Pashan, Pune, in Maharashtra state left 4 dead, many injured, hundreds of vehicles and buildings damaged. The record books as the historical highest rainfall in intensity and quantity of the Pune city recorded since 118 years old (record of 149.1 mm in 24 hours)of October 24, 1892. In the history of IT (Information Technology) hub Pune, first time this flash flood also anable Pune people to for over night stay (sleep) in their vehicle, officies and what ever available shelter in the traffic jam, Pune may be the world’s first predicted cloudburst, in well advanced. Since 2.30 pm in the afternoon of the day, a young weather scientist in the city was frantically sending out SMSes to the higher authorities warning of an impending cloudburst over the Pashan area. After taking the necessary precautions still 4 persons were dead including one young scientist.

तो क्या हम ये मानकर चलें कि भारत भी वेदर बम बना रहा है। क्योंकि ये सारी घटनाएं इत्तेफाक नहीं हो सकती है। और पिछले कुछ सालों में लगातार बादल फटने की घटना का होना शक पैदा करता है।

14.June 9, 2011, near Jammu, a cloudbursts left 4 persons dead and over several injured in Doda-Batote highway, 135 km from Jammu.Two restaurants and many shops were washed away

15. 20 July 2011, a cloudburst in upper Manali, 18 km away from Manali town in Himachal Pradesh state left 2 dead and 22 missing.

16. September 15, 2011 a cloudburst was reported in the Palam area of the National Capital Territory of Delhi. The Indira Gandhi International Airport's Terminal-3 was flooded with water at the Arrival due to the immense downpour. Even though no lives were lost in the rain that lasted an hour was enough to enter the record books as the highest rainfall in the city recorded since 1959.

17.September 14, 2012 in Rudraprayag district there was a cloudburst and 39 people died.

18. June 17, 2013 a cloudburst was reported in Kedarnath of Uttarakhand State. Over 150 feared killed to till date 

हो सकता है कि इनमें से कुछ बादल फटने की घटनाएं प्राकृतिक ही हो,लेकिन प्रकृति इतनी भी नहीं बदली कि बादल फटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो। कुछ साल पहले तक काफी समय पर इक्का दुक्का बादल फटने की घटनाएं होती थी। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।

लेकिन यहां सवाल ये भी खड़ा होता है कि बादल फटने की घटनाओं में हम  भारत और चीन पर उंगली कैसे उठा सकते हैं। साथ ही ये वेदर बम क्या होता है। कहीं दिमागी फितूर तो नहीं है,इस सवाल का जवाब भी मिलेगा। और ये भी साबित हो जाएगा कि चीन ने वेदर बम बहुत पहले ही बना लिया है। अमेरिका भी इस रेस में है। क्योंकि इसके इस्तेमाल करने से कोई भी आप पर शक नहीं कर सकता और प्राकृतिक आपदा मानकर उसे अपना लेता है।..                           क्रमश:

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