यार इस चीन का इलाज करो......

मंगलवार, सितंबर 01, 2009

पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से चीन की हरकतों में ईज़ाफ़ा हुआ है ,उसे देखकर लगता है कि हमारे देश को एक बार फिर युद्ध के लिये तैयार होना पड़ेगा। चीन की गतिविधियां दिनोदिन तेज़ होती जा रही है। बीते दिनों लद्दाख की सीमाओं पर चीनी हैलीकॉप्टर्स का विचरण करना इस बात को दर्शाता है कि दुश्मन देश इस बार पूरी तैयारी करके हमला करना चाहता है। हमारे सेनाप्रमुख इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं या नहीं पर उनका ये कहना कि ये एक आम हरकत है, मेरे गले नहीं उतर रहा है। आपको बता दूं कि चीन ने न सिर्फ हवाई सीमाओं का उल्लंघन किया है, बल्कि हमारी सीमा के अंदर आकर खाने के पैकेट भी फेंके है। अब ये तो समझ ही गये होंगे आप कि खाने के पैकेट किसलिये फेंके। इसका एक कारण ये हो सकता है कि या तो उसने अपने लोगों तक खाना पहुंचाने के लिये वो पैकेट फेंके, दूसरा ये भी हो सकता है कि चीन ये तय करना चाह रहा हो कि युद्ध की स्थिति में वो यहां पर अपने सैनिकों तक खाना पहुंचा सकता है कि नहीं। पिछले कुछ महीनों से चीन की गतिविधियां तब संदिग्ध हो गयी थीं जब ये देश भारत की सीमाओं को लांघकर कई बार बार भारतीय सीमाओं में प्रवेश कर गया था। लेकिन मौके की नज़ाकत को समझकर सेना के कुछ कमांडर चीनी सेना से मिलने भी जा रहे हैं लेकिन इसका हल शायद ही निकले। क्योंकि चीन ने हर बार इन मुद्दों पर सीमा विवाद कहकर अपना पल्ला झाड़ा है। ये तो हम जानते है कि ताकत के मुकाबले चीन हमसे बहुत आगे है। इसलिये हमें अभी से संभलना होगा। चीन के अंदर भी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। भारतीय सीमा से मिलने वाले आपनी हर सीमा पर उसने भारी सेना तैनात कर दी गई है, हर सीमा पर तेजी से सामान पहुचाने के लिये बार्डर्स तक ट्रेनों का इंतज़ाम भी किया जाने लगा है, ये वो ट्रेन्स है जो आम ट्रेनों से काफी तेज़ चलती है। चीन हमेशा से ही भारत के लिये पाकिस्तान से बड़ा खतरा रहा है। क्योंकि वो परोक्ष रुप से हमेशा पाकिस्तान को मदद देता रहा है। चाहे वो तकनीकि हो या हथियार, उसने हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों में पाकिस्तान का साथ देता रहा है। चीन पर किसी की नज़र नहीं पड़ रही है क्योंकि उसकी ताकत के बारे सबको पता है। इसलिये कोई भी उस पर यूंही इल्जाम नहीं लगा सकता है। पाकिस्तान पर सबकी नज़रें होती है क्योंकि वो प्रत्यक्ष रुप से ये करता आ रहा है। पाकिस्तान की आड़ में ये करना चीन के लिये फायदे का सौदा था। अब जब पाकिस्तान के अंदरुनी हालात कमज़ोर होने लगे हैं तो चीन के लिये ये मुश्किल होता जा रहा है कि भारत विरोधी कार्यों में वो पाकिस्तान की मदद ले सके तो इसीलिये वो अब सीधी चोट देने के मूड में है। आज के जैसे हालात है उसे देख कर ये कहा जा सकता है कि भारत को अपने पड़ोसियों से ही खतरा है। एक तरफ चीन है तो एक तरफ पाकिस्तान, एक तरफ बांग्लादेश है जो पाकिस्तान समर्थक है दूसरी तरफ नेपाल है जो सैनिक लड़ाई में अगर किसी देश का समर्थन नहीं दे सकता तो आर्थिक रुप से भारत को कमज़ोर बनाने में लगा हुआ है। नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र के पुत्र पारस के संबंध दाउद के गुर्गों से भी हैं जो भारत में नकली नोट का व्यापार करते थे। भारत का ये दोस्ती वाला रवैया हमेशा से ही भारत के पीठ में छुरा घुंपवाता रहा है। आज के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये उसी तरह की गतिविधियां है जो पाकिस्तान कारगिल के वक्त करता रहा था। जब एक तरफ तो बातचीत का दौर जारी था तो दूसरी तरफ युद्ध की तैयारी चल रही थी। चीन इस बार पूरे युद्ध के मूड में है औऱ इस बार हमें तैयार रहना होगा। क्योंकि चीन की चाहत भी है युद्ध और मजबूरी भी। जिस तरह से चीन के आंतरिक हालात है उससे ये साफ है कि वो युद्ध ज़रुर करेगा। क्योंकि जनसंख्या की समस्या, नौकरियों की समस्या, रहने की समस्या से निजात पाने के लिये वो युद्ध ज़रुर करना चाहेगा, उसके लिये भारत ही उसका टारगेट है क्योंकि बाकियों से तो उसकी दोस्ती हो चुकी है, भारत का इस वक्त सबसे बड़ा दुश्मन है चीन.....

10 टिप्पणियाँ:

Citizen of China ने कहा…

Likh kar le lo
koi bhi country ab kisi par attck nahi karegi

SACCHAI ने कहा…

sashank , sahi kahe rahe ho mere bhai ...ye chin ka kuch karo yaar ...magar mere dost hamari ye pukar ...bandh dibbe ki tarah bajti hi rahegi aur iska asar hamare neta per kuch nahi padega ...jab tak hum jaise padhe likhe log nahi samjte apana adhikar tab tak ye neta desh ki halat kharab karte hi rahenge ...kya ker paye hum log pakistan ke khilaf ...humne itane sare sabut sab desho ko diye ,hamari militery ne himmat dikhai magar inhi namard neta o ne use vapas bhi bula liya ....."
" chodo bhi ye baate magar aapki post acchi hai ...iske liye aapka tahe dilse dhanyawad "

" mudde me dum hai bhai "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

Randhir Singh Suman ने कहा…

citizen sahi likha hai.

Samra ने कहा…

you are very right because the major challenge before china is only india. in all feild india is going to be threat for china whether it is economic or defence or boundry limits. so china want to remove india from its path thats why it is creatins such kind of absurd activities which are not bearable.

मौ, तारिक ने कहा…

आपकी बातों में सच्चाई है जिस तरह के हालात है उसे देखकर लगता है कि युद्ध होगा ज़रुर रही बात सिटीज़न आऱ चाइना की तो बेकार की बात कर रहे हैं

Citizen of China ने कहा…

main sahi baat keh raha hoon.
China ko India se koi khatra nahi
India hi China se dara hua hai

हाहाहहाहाहाहा वाह क्या कहा है आपने, कृपया अपना नाम भी बताते रहे, क्योंकि बेनामी टिप्पणी से आपका परिचय पता नहीं चलता है। अपने नाम के साथ टिप्पणी करें तो ठीक रहेगा वैसे कमाल की बेतुकी बात की है आपने हाहाहाह

क्या आप जानना नहीं चाहेंगे की जर्मनी के पूर्व राजदूत होफमन इसाई से मुसलमान क्यों हो गए! कहीं तलवार के बल पर तो किसी ने उनको मुसलमान नहीं बना दिया

Devi Leena ने कहा…

@shashank...you facts are not valid...1stly in today's world where the hegemony of US in widely accepted India would not prefer to indulge into something wherein it upsets the whole world...after all it would be the two would be super powers colliding....which is very unlikely to happen...moreover the food packet thing that u quoted...well its a lake in leh or ladakh which falls approx 60% in China and 40% approx in India...n there Indians and Chinese often indulge in leaving their food packets say biscuit wrappers...or chips wrappers or whatever...it is basically a strategy to make ur presence felt n kind of not exactly though deterrence...the war fear is more of an Indian media created hype bout which neither the govt. nor the defence is giving thought...:)

Devi Leena ने कहा…

Your*

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